जिवन विचार - 97

मार्टिन लूथर ने कहा था...
*"अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो ! अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !*
*अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !*
*पर आगे बढ़ते रहो"*

अपनी सोच ओर दिशा बदलो
सफलता आपका स्वागत करेंगी... रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है। लेकिन यदि एक अच्छे जूते के अंदर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम भी चलना मुश्किल है।
यानी - *"बाहर की चुनौतियों से नहीं*
*हम अपनी अंदर की कमजोरियों*
*से हारते हैं"*....
_हमारे विचार ही हमारा भविष्य तय करते हैं..!_

Comments

Popular posts from this blog

◾संघर्ष कथा :- एका आदिवासी जमातीतील कलेक्टर डॉ. राजेंद्र भारूडची ही संघर्ष कथा एकदा नक्की वाचा,खरचं प्रेरणा मिळेल ...

देतो तो देव - बोधकथा

हिरव्या हिरव्या श्रावणात ... | मराठी कविता | संजय धनगव्हळ

कविता :- 📝 पत्र शेवटचं लिहितो आहे ...

◼️हास्य कविता :- दारूड्याची नशा ...

◾ललित लेख :- स्ञी

◾विशेष लेख :- विक्रम साराभाई यांचा एक सत्य किस्सा अवश्य वाचा !

◼️ बोधकथा :- अति तेथे माती

◼️ ललित लेख :- शेवटी काय सोबत घेऊन गेला तो भिकारी ...